तेरे रंग में

🎨  *तेरे रंग में* 🎨

तेरे रंग में रंग जाने की तमन्ना है मेरी
तेरा ही अब हो जाने की तमन्ना है मेरी

राह तेरी देखकर चली गई वो दिवाली
आस तेरी है मन में आई रंग की होली
तुझे मिलने की शायद इच्छा होगी पुरी

रंग तेरे गालो का खिचता है तेरे पास
तेरे बिना ये होली जायेगी अब उदास
तुझे रंग लगाने तैय्यार पिचकारी मेरी

वसंत आगमन की सब कर रहे तय्यारी
प्रेम के माहोल में क्यों बना रही हो दूरी
होली के  दिन कोई  बात मान तु बुरी

✍🏻 *लक्ष्मण दशरथ सावंत*
*जि.प.कें.प्रा.शा.पाल,औरंगाबाद*
© *ldsawant.blogspot.in*

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